कुलाधिपति श्री महेश चंद्र पंत के पास भौतिकी में स्नातकोत्तर डिग्री और शैक्षिक योजना एवं प्रशासन में डिप्लोमा है। आपने कई उच्च पदों पर कार्य करते हुए भारत में शैक्षिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के अध्यक्ष के रूप में आपने भारत में मुक्त विद्यालयी शिक्षा प्रणाली को एक सुदृढ़ आधार प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।
शिक्षा निदेशक के रूप में यू.पी. और उत्तरांचल में आपने इन दोनों राज्यों के स्कूली शिक्षा के प्रशासन और प्रबंधन में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए।
बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में, आपने प्राथमिक विद्यालयों हेतु नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए पहलकदमियां कीं।
जिला शिक्षा योजनाओं को तैयार कर क्रियान्वित किया तथा राज्य सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में राज्य आवंटन के प्रस्ताव पेश किये। आंकड़ा संग्रह की योजना प्रक्रियाओं के सूक्ष्म, दीर्घकालिक, मध्यम और अल्पकालिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विशिष्ट स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान को ध्यान में रखते हुए वितरण किया। अन्य बातों के अलावा, इनमें संसाधनों, समय की उपलब्धता और आवंटन, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कार्य योजनाओं के सफल कार्यान्वयन की योजना बनाना शामिल था।
बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर जिला स्तर के शैक्षिक योजनाकार एवं प्रशासक के रूप में कार्य किया।
प्रश्न पत्र सेटिंग, मूल्यांकन और अधिगम से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रों का गहन ज्ञान प्राप्त किया। इस अनुभव का उपयोग नैनीताल जिले के दूरस्थ क्षेत्र में एक शैक्षिक प्रशासक और इंटरमीडिएट कॉलेज के प्राचार्य के रूप में काम करते हुए किया गया था।
उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल के शिक्षा निदेशक के रूप में काम करते हुए शिक्षण, स्कूल प्रशासन, संस्थागत योजना तैयार करने, पाठ्यक्रम और निर्देशात्मक सामग्री के विकास व शैक्षिक कार्यक्रमों की निगरानी और पर्यवेक्षण करने में प्राप्त समृद्ध अनुभव का उपयोग किया।
उत्तरांचल राज्य के दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करने के लिए अभिनव योजना "राजीव गांधी नवोदय विद्यालय" की शुरुआत और उन्हें आवासीय परिसर वाली स्कूली शिक्षा प्रदान करने में योगदान दिया।